पता नया है ,लोग पुराने
कुछ जाने से कुछ अनजाने
आओ नए लोगो से मिलाए
और पुराने भी मिल जाए
शहर नया है ,रंग पुराने
कुछ फीके से ,कुछ बेगाने
कुछ अपने से ,कुछ अनजाने
मेरे नए घर जब आना
नए सरूपे फूल ले आना
शब्दों की बारिश बरसाना
भावो की बरात सजाना
आज भी आना कल भी आना .
मेरा नया पता है :
http://www.thepoeticwanderer.wordpress.com
अब से मुझे यहाँ मिले । शुक्रिया ,आपकी हौसला आवजाही का ,आपकी शाबासी और प्रोत्साहन का ।
गायत्री
गुरुवार, अगस्त 27, 2009
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अत्यन्त कोमलकान्त गीत..........
जवाब देंहटाएंगीत क्या है एक सुखद सी अनुभूति है...........
आनन्द से भर दिया
वाह !
____________बधाई !
अलबेला खत्री साहब : शुक्रिया. नये ब्लाग पर कुछ नयी रचनाए,कहानिया है,आईएगा कभी.
जवाब देंहटाएंशब्दों की जीवंत भावनाएं.सुन्दर चित्रांकन,पोस्ट दिल को छू गयी..कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने.बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावनायें और शब्द पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने...बहुत खूब.आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
शब्दों की जीवंत भावनाएं.सुन्दर चित्रांकन,पोस्ट दिल को छू गयी..कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने.बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावनायें और शब्द पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने...बहुत खूब.आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.