सोमवार, जून 22, 2009
वक्त किसका हुआ बोलो ...
वक़्त किसका हुआ बोलो
वक्त ने साथ किसका दिया
न वो माझी का हो पाया
न होगा आते कल का .....
*
वक़्त की बंदगी को
तडीपार करा आया हूँ
वक्त के गुनाहों को सज़ा
इक्तियार करा आया हूँ ....
*
वक़्त ने रुक के कभी
कल न साथ दिया ,
कल के सब गिले-शिकवे
सब आंसू मिटा आया हूँ ....
*
अब .....
*
वक़्त से आगे बढ के
खुदी बुलंद कर आया हूँ
कल के कश-म-कश को
आज से बुझा आया हूँ .........
*
जियू में आज में ऐसे की
आते कल की परवाह नहीं
जो रहा नहीं कल उसकी
यहाँ कोई जगह ही नहीं ......
*
आज हो , आज है
आज ही हो बस
यही मनन मैं करूँ
यही कामना हो मेरी
और
मैं जी लूँ इक सदी
इस आज में ही ..........
*
इस आज में तू है
तू हो तू ही हो हमेशा ...
जिस कल में तू नहीं था
जिस कल में तू नहीं हो
ऐसे कल की हमें परवाह नहीं.....
*
बस आज है, आज हो
आज ही हो न प्रिय
इस आज में मैं जी लूं
इक सदी भर को
तेरी साँसों का सानिध्य लिए ....
*
और एक मन जोत लौ बन जग जाए हम .
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बस आज है, आज हो
जवाब देंहटाएंआज ही हो न प्रिय
इस आज में मैं जी लूं
इक सदी भर को
तेरी साँसों का सानिध्य लिए ....
*
और एक मन जोत लौ बन जग जाए हम .
-सुन्दर भाव!!
इस आज में तू है
जवाब देंहटाएंतू हो तू ही हो हमेशा ...
जिस कल में तू नहीं था
जिस कल में तू नहीं हो
ऐसे कल की हमें परवाह नहीं.....
वक़्त की बंदगी को
जवाब देंहटाएंतडीपार करा आया हूँ
वक्त के गुनाहों को सज़ा
इक्तियार करा आया हूँ ....
*
बहुत सुन्दर और दार्शनिक पन्क्तियां ………गायत्री जी…॥
आपको हर्दिक बधाई और शुभकामनायें।
हेमन्त कुमार
वक़्त ने रुक के कभी
जवाब देंहटाएंकल न साथ दिया ,
कल के सब गिले-शिकवे
सब आंसू मिटा आया हूँ ....
रेशमी ज़ज़बात से सजे अल्फाज मानो बह रहे हों
गहरी सोच और खूबसूरत एहसास से भरी रचना
आज की आवाज
अच्छे भाव की रचना। आपकी रचना के अंतिम हिस्से के भाव से मिलती पंक्तियाँ देखें-
जवाब देंहटाएंजो बीता कल क्या होगा कल, है इस कारण तू व्यर्थ विकल।
आज अगर तू सफल बान ले, आज सफल तो जनम सफल।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है.
जवाब देंहटाएंkavita hai lekin kavita se kuchh zyada hai...
जवाब देंहटाएंnadiya jab ufaan par aati hai
pavan jab toofan par aati hai
toh vah apni pahchaan se kuchh zyada ho hi jaati hai.;..phir ye toh kavita hai....
waah !
waah !
waah !
KHOOB KHOOB BADHAAI !
आज आपका ब्लॉग देखा.......... बहुत अच्छा लगा.. मेरी कामना है की आपके शब्दों को नए अर्थ, नई ऊंचाइयां और नई ऊर्जा मिले जिससे वे जन-सरोकारों की सशक्त और सार्थक अभिव्यक्ति का समर्थ माध्यम बन सकें.
जवाब देंहटाएंकभी समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर पधारें-
http://www.hindi-nikash.blogspot.com
सादर, सद्भाव सहित-
आनंदकृष्ण, जबलपुर
कविता पर साधुवाद देने के लिए आप सब का शुक्रिया
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर क्षणिकायें...लिखती रहिये।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंसुन्दर विचार...
जवाब देंहटाएंचिन्तन बनते बनाते हुए
is blog par kavitayein padhein
इस ब्लाग पर कविताएं पढ़ें
http://anubhutiyanabhivyaktiyan.blogspot.com ,
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सुन्दर ... चिन्तन के गवाक्ष खोलती रचना
जवाब देंहटाएंइस ब्लाग पर कविताएं पढ़ें
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