नव वर्ष है..... नव हर्ष हो
एक नई सुबह का स्पर्श हो ....
नव कामना का एहसास हो
नव कल्पना का वास हो
नव यौवन का उल्लास हो
नव कोपल का आभास हो
नव वर्ष को धारण करे
नव किरणों का स्वागत करे ....
नव वर्ष है ...नव हर्ष हो....
नव युग बने नव पुरु चुने
जो खो गया उसे बिदा करे
नव मीत का स्वागत करे ....
है प्राथना बस यह प्रभु
नव वर्ष शान्ति का वर्ष हो ...
सद्भावना का वास हो
सच्चाई का भी साथ हो
मनोविकारों से नाता मिटे
मिलाप में जीवन कटे
बुराई का विसर्जन करे
नफरत का व्यक्तित्व शून्य करे
हो दिलो में जीने देने की आस
नव निर्माण का हो अथक प्रयास
नव कृति की नींव धरे
नव वर्ष का आह्वान हो
नव वर्ष है नव हर्ष हो
मंगलमय आपका ये वर्ष हो.....
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नव वर्ष का आगाज़ सुंदर है.. नये साल की बहुत बहुत शुभकामनाए..
जवाब देंहटाएंहो दिलो में जीने देने की आस
जवाब देंहटाएंनव निर्माण का हो अथक प्रयास
नव कृति की नींव धरे
नव वर्ष का आह्वान हो
नव वर्ष है नव हर्ष हो
मंगलमय आपका ये वर्ष हो.....
bahut hi sundar rachana . navavarsh ki hardik badhai .
नव वर्ष है नव हर्ष हो
जवाब देंहटाएंमंगलमय आपका ये वर्ष हो.....
है प्राथना बस यह प्रभु
जवाब देंहटाएंनव वर्ष शान्ति का वर्ष हो ...
सद्भावना का वास हो
सच्चाई का भी साथ हो
मनोविकारों से नाता मिटे
मिलाप में जीवन कटे
बुराई का विसर्जन करे
नफरत का व्यक्तित्व शून्य करे
नये साल की शुभकामनाए..
नये साल की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंनये साल की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ ....
जवाब देंहटाएंbahut hi badiya swagat naye saal ka sabdon ke phoolon se. aapko bhi naya saal bahut bahut mubarak
जवाब देंहटाएंशब्दों के माध्यम से भाव और िवचार का श्रेष्ठ समन्वय िकया है आपने । अच्छा िलखा है आपने ।
जवाब देंहटाएंआपको नववषॆ की बधाई । नया आपकी लेखनी में एेसी ऊजाॆ का संचार करे िजसके प्रकाश से संपूणॆ संसार आलोिकत हो जाए ।
मैने अपने ब्लाग पर एक लेख िलखा है-आत्मिवश्वास के सहारे जीतें िजंदगी की जंग-समय हो तो पढें और कमेंट भी दें-
http://www.ashokvichar.blogspot.com
नव वर्ष की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं !!!
जवाब देंहटाएंआपके विचार बहुत ही उत्तम हैं। सभी के लिए मंगलमय हो नववर्ष।
जवाब देंहटाएंmerichopal.blogspot.com
aapke blog ke sheershak par.....!!
जवाब देंहटाएंभीड़ में तनहा...दिल बिचारा नन्हा...
साँस भी न ले सके,फिर क्या करे...??
सोचते हैं हम...रात और दिन.....
ये करें कि वो करें,हम क्या करें...??
रात को तो रात चुपचाप होती है....
इस चुप्पी को कैसे तोडें,क्या करें...??
दिन को तपती धुप में,हर मोड़ पर...
कितने चौराहे खड़े हैं हम क्या करें??
सामना होते ही उनसे हाय-हाय....
साँस रुक-रुक सी जाए है,क्या करें??
कित्ता तनहा सीने में ये दिल अकेला
इसको कोई जाए मिल,कि क्या करें??
जुस्तजू ख़ुद की है"गाफिल",ढूंढे क्या
ख़ुद को गर मिल जाएँ हम तो क्या करें??