शुक्रवार, जून 29, 2007

खुद को खुद से मिला कर तो देखों .....

दिल मे दर्द जगा के तो देखो
प्यार की लौ जला के तो देखो
वातानाकूलित हवा से निकल कर
बसंती पवन का मज़ा ले के देखो
बत्तियों की चमचमाती रौशनी से बाहर
सूरज की किरणे सहला कर तो देखों

बहुत हो लिए परेशान औरो की खातिर
आज .....
खुद को खुद से मिला कर तो देखों

तो .......
उदासी तेरी उड़ जायेगी
तनहाई भी ना सतायेगी
बनेगा तू राजा
जहान् का वो पहला
जिसके मन मे होगा
विश्वास इतना
की
दुनिया की सब दौलत मिल जायेगी
जब खुद की खुद से ही बन जायेगी ........