नव वर्ष है..... नव हर्ष हो एक नई सुबह का स्पर्श हो ....
नव कामना का एहसास हो नव कल्पना का वास हो नव यौवन का उल्लास हो नव कोपल का आभास हो नव वर्ष को धारण करे नव किरणों का स्वागत करे .... नव वर्ष है ...नव हर्ष हो....
नव युग बने नव पुरु चुने जो खो गया उसे बिदा करे नव मीत का स्वागत करे ....
है प्राथना बस यह प्रभु नव वर्ष शान्ति का वर्ष हो ... सद्भावना का वास हो सच्चाई का भी साथ हो मनोविकारों से नाता मिटे मिलाप में जीवन कटे बुराई का विसर्जन करे नफरत का व्यक्तित्व शून्य करे
हो दिलो में जीने देने की आस नव निर्माण का हो अथक प्रयास नव कृति की नींव धरे नव वर्ष का आह्वान हो नव वर्ष है नव हर्ष हो मंगलमय आपका ये वर्ष हो.....
शब्द है किलाखो की संख्यामेदिलो दीमागपर हावी हुए जाते है ....शब्दो को स्याही सेशक्ल दो तो किस्से ,कहानिया ,कविताएबन उभरती हैं . समय से हमेशा प्रतिस्पर्धा रहती है मेरी . कामकाजी महिला ,ग्रहणी , माँ, पत्नी ,बेटी ,बहू हूँ और इन सब के बाद एक लेखिका..... शब्दो की दोस्त ,हमदर्द .... यहाँ है -कुछ मेरी कही -सुनी ,कुछ जग देखी का विवरण ...आप के समक्ष..आप की समीक्षा के लिए .